महिलाओं के लिए वैकल्पिक मीडिया प्लेटफॉर्म तैयार करने और उन्हें अपनी बात रखने का मंच उपलब्ध कराने के लिए मेरा रंग फाउंडेशन अपनी स्थापना से ही प्रयासरत है। इसी क्रम में फाउंडेशन की तरफ से 19 मई को ग्राम सुराना की लड़कियों के लिए एक पत्रकारिता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस वर्कशॉप का आयोजन जनसत्ता अपार्टमेंट, वसुंधरा, गाजियाबाद में हुआ और विषय विशेषज्ञ के रूप में वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार सुधांशु गुप्त मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद के समीप इस गांव की कुछ लड़कियों ने वहां के समाजसेवी भरत के सहयोग से एक मासिक पत्रिका ‘सुराना उदय’ का प्रकाशन आरंभ किया है। मेरा रंग फाउंडेशन इस पत्रिका की परिकल्पना और स्थापना से ही इस पत्रिका के साथ जुड़ा हुआ है।
इस कार्यशाला में सुराना गांव से आई टीम को पत्रकारिता के सैद्धांतिक पहलुओं के बारे में बताया गया। उन्हें पत्रिका के ले-आउट के बारे में जानकारी दी गई। सुधांशु गुप्त ने बताया कि किस तरह किसी भी अखबार या पत्रिका को रोचक बनाया जाता है। उन्होंने बताया कि कैसे अपने आसपास से खबरें उठाई जा सकती हैं और लोगों को जोड़ा जा सकता है।
मेरा रंग की संस्थापक व संचालक शालिनी श्रीनेत ने कहा कि टीम को टाइमलाइन बनाकर काम करना चाहिए। इससे छोटी टीम रहते हुए भी वे अपने काम को बेहतर तरीके से कर सकेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रिका में पिछले दिनों हुए गांव के विकास कार्यों की भी चर्चा करनी चाहिए। खास तौर जिस तरह वहां पर तालाब खुदवाये गए और उसकी वजह से जलस्तर ऊपर आने में मदद मिली, वह उल्लेखनीय है।
वर्कशॉ़प के अंत में सुराना की टीम ने अपनी जिज्ञासायें रखीं। सुधांशु जी ने सभी सवालों का बहुत धैर्य के साथ जवाब दिया। वर्कशॉप में भरत, आशा यादव, नेहा, माही और लवी ने हिस्सा लिया।
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