मेरा रंग के चार साल : ‘मेरा रंग’ मुझे हमेशा एक जिद की तरह याद रहता है…

मेरा रंग पर शोभा शमी

शोभा शमी

ज़िंदगी जीते हुए और ज़िंदगी को जीने के लिए मुझे जो सबसे मुश्किल और ज़रूरी चीज़ लगी, वो ये थी कि मीनिंगफ़ुलनेस कहां है? क्या है जो हमें भरता है? क्या है जो हमें अर्थ देता है? क्या है जो इस संसार से हमें जोड़ता है? क्या है जो आगे बढ़ते रहने के लिए इच्छा देता है?

हम पैसे और जीवन की मूलभूत चीज़ों के लिए बहुत सारी मकश्क़्क़त करते हैं. लेकिन हमारा दिल जानता है कि चाहे उस जूझ में और उस पड़ाव के बाद भी, मन खोजता है उन्हीं सवालों को, जो ख़ुद के और जीवन के मीनिंगफुलनेस बनने से जुड़े हैं.

मैं जब भी मेरा रंग के बारे में सोचती हूं. मुझे महसूस होता है कि ये वैसी ही कोई चीज़ है जिसके साथ एक व्यक्ति (शालिनी ) अपने जीवन का बहुत सारा अर्थ, बहुत सारा विस्तार उसमें खोज पा रहा है.

बहुत सारे दुनियावी काम किए जा सकते थे, बहुत सारे पैसे भी कमाए जा सकते थे. लेकिन मेरा रंग हम सबके बीच आया क्योंकि हमारे बीच के एक और व्यक्ति ने अपने भीतर की उस ख़ोज को टटोला, जो उसे उसके अर्थ के क़रीब लेकर जाती है. और जीवन में पैसा कमाना भी बहुत ज़रूरी और बढ़िया बात है. लेकिन हम सब जानते हैं और इससे कोई इंकार नहीं करेगा कि अगर मौक़ा मिल सके तो हमें उस मीनिंगफ़ुलनेस के क़रीब जाने और उसे क़रीब रखने की भरसक कोशिश करनी चाहिए…

और जब ‘मेरा रंग’ की बात हो तो ये मुझे कोशिश की तरह याद नहीं आता. ये मुझे हमेशा एक ज़िद की तरह याद रहता है. जिसमें प्रयास हैं लेकिन दृढ़ता अधिक है. जिसमें मुश्किलें बहुत रहीं लेकिन यक़ीन उससे अधिक रहा. जिसमें थकान भी बहुत रही लेकिन उत्साह उससे भी अधिक रहा. जिसमें वक़्त बे वक़्त निराशाएं भी रहीं लेकिन लोगों का प्रेम उससे भी अधिक रहा. उसमें साथ देने वाले हाथ कई रहे लेकिन शालिनी की लगन सबसे बढ़कर रही.

हम अपने जीवन में बहुत कुछ औरों के ज़रिए और, औरों के साथ ख़ोज पाते हैं. मुझे ख़ुशी है कि शालिनी और ‘मेरा रंग’ के ज़रिए हम सब बाहर और भीतर के बहुत सारे रास्तों को तलाश पा रहे हैं.

और हम सब एक दूसरे के साथी हैं. अपनी अपनी इन यात्राओं में. और हमें अपने ख़ास मौक़ों पर उन मज़बूत हाथों और बेजोड़ कंधों को ज़रूर याद करना चाहिए जो हमारे साथ बने रहे. अनिकेत, उद्भव और दिनेश जी, ‘मेरा रंग’ की इस यात्रा में जिस क़दर साथ हैं वे सब सिर्फ़ बहुत सारी मोहब्बत और शाबाशी के हक़दार हैं.

मेरा रंग के 4 साल हम सभी को मुबारक़. 🙂 

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