मेरा रंग डेस्क
साहित्य मेरा रंग का सबसे खूबसूरत रंग था कविताओं का। इस लाइव मंच से मौजूदा काव्य परिदृश्य के कई अहम रचनाकारों ने अपनी रचनाएं सुनाईं। इनमें असमिया की अनुवादक और कवयित्री पापोरी गोस्वामी समेत देवयानी भारद्वाज, सोनी पाण्डेय, पंखुरी सिन्हा, मृदुला शुक्ला, वाजदा खान, विवेक चतुर्वेदी, मेधा, विमलेश त्रिपाठी जैसे हिंदी कविता के चर्चित नाम तो मौजूद थे ही, एकता नाहर, शैलजा पाठक और रूपम मिश्रा भी जुड़े, जिन्होंने सोशल मीडिया के दौर में अपनी रचनाओं से पाठकों बीच अपनी एक अलग जगह बनाई है।
कविताओं के रंग : युवा और वरिष्ठ रचनाकार
मदन कश्यप, जितेंद्र श्रीवास्तव, सुमन केशरी, नीलेश रघुवंशी, देवयानी भारद्वाज और विनोद विट्ठल जैसे समकालीन हिंदी कविता के सशक्त हस्ताक्षर और प्रतिबद्ध साहित्यकार भी साहित्य मेरा रंग पर आए। चर्चित युवा कवयित्री प्रतिभा कटियार ने अपनी कविताओं की बजाय रूसी कवयित्री मारीना त्स्वेतायेवा पर बात करना पसंद किया। समकालीन हिंदी कविता के परिदृश्य पर दस्तक दे रहे युवा रचनाकारों को भी हमने सामने लाने का प्रयास किया। इस कड़ी में युवा कवि विवेक चतुर्वेदी, दीपक जायसवाल, कविता कांदबरी, स्वाति शर्मा, संजय शेफर्ड, उज्ज्वल तिवारी तथा दिव्यांशी सुमराव की लाइव प्रस्तुति को बहुत पसंद किया गया। आम आदमी पार्टी के माध्यम से सक्रिय राजनीति में कदम रख चुके दिलीप पांडेय के भीतर मौजूद एक संवेदनशील कवि को साहित्य मेरा रंग के माध्यम से जानने का मौका मिला।
आधुनिक कविता के साथ परंपरागत हिंदी कविता का रंग और अंदाज़ भी देखने को मिला, जिसके अंतर्गत आरती आलोक वर्मा की भोजपुरी रचनाओं के अलावा पाठकों के सहज संप्रेषणीय शैली में कविताएं लिखने वाले सूनीता शानू, रेखा राजवंशी, डा. आकाश मिड्ढा, रंजीता सिंह तथा संध्या सिंह ने भी अपनी कविताएं पढ़ीं। इसी क्रम में हिंदी के प्रतिनिधि और वरिष्ठक कवि लक्ष्मी शंकर बाजपेयी से शालिनी श्रीनेत लंबी बातचीत की और उन्होंने अपनी रचनाएं भी सुनाईं। वहीं वरिष्ठ कवयित्री अनामिका से संजीव चंदन ने लंबी बातचीत की और समकालीन हिंदी कविता में स्त्री विमर्श समेत कोई सवालों को टटोला।
उर्दू ज़बाँ का जादू
सिर्फ कविताओं का नहीं बल्कि ग़ज़लों, नज़्मों और उर्दू भाषा के रंगों को भी मेरा रंग का हिस्सा बनाया जाए इसका भी प्रयास किया गया। इतवार छोटा पड़ गया संग्रह से चर्चित कवि प्रताप सोमवंशी अपनी ग़ज़लें, नज़्में और कविताएँ लेकर उपस्थित हुए। वहीं जश्न-ए-रेख़्ता समेत कई मंचो पर लोकप्रिय शायर श़ारिक कैफ़ी ने कुछ ग़ज़लें और नज़्में सुनाईं। युवा शायर इरशाद खान सिकन्दर ने अलग अंदाज़ के अश’आर सुनाए। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आशुतोष कुमार ने ग़ालिब की रचनाशीलता पर अपनी बात रखी तो सय्यद जिया ने उर्दू ग़ज़ल में हिंदी भाषा के उजाले शीर्षक से अपनी बात रखी। उर्दू गद्य के रंग बिखेरे कहानीकार और एफएम के लिए कहानियां लिखने वाली सबाहत आफ़रीन ने।
कहानी, कहानीकार और रचना पाठ
अगर कहानियों की बात करें तो इस मंच पर विविधता बनी रही। न सिर्फ बहुत से वरिष्ठ और मौजूदा दौर के अहम रचनाकार सामने आए बल्कि नवोदित रचनाकारों ने भी शिरकत की। मौजूदा दौर में सक्रिय महिला रचनाकार वंदना राग, मनीषा कुलश्रेष्ठ, प्रज्ञा पाण्डेय, जयंती रंगनाथन, अणुशक्ति सिंह, रूपा सिंह, सोनी पाण्डेय, शिखा वार्ष्णेय, अनिल प्रभा कुमार तथा विवेक मिश्र ने मेरा रंग के लाइव मंच से अपनी रचनायात्रा पर बातचीत की और कुछ कहानियों और उनके अंशों का पाठ किया। अंकिता जैन ने अपने प्रिय रचनाकारों पर चर्चा की।
मेरा रंग संवाद श्रृंखला में वरिष्ठ रचनाकारों से हिंदी के ही किसी अहम रचनाकार से बातचीत का जो सिलसिला आरंभ किया गया लोगों को वह भी बहुत पसंद आया। इस श्रृंखला के तहत कई प्रमुख युवा तथा वरिष्ठ समीक्षकों ने नासिरा शर्मा के विभिन्न उपन्यासों पर बातचीत की। मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों पर भी बातचीत की सिरीज़ जारी है। वहीं चर्चित कथाकार, आलोचक चंद्रकला त्रिपाठी ने उषाकिरण खान से उनके रचना संसार पर विस्तार से बात की। विवेक मिश्र के कथा संसार को इस संवाद के जरिए सईद अय्युब ने टटोला तो वहीं वरिष्ठ कथाकार डॉ.सूर्यबाला से डॉ.उषा मिश्रा ने बहुत ही सारगर्भित संवाद किया। एक बहुत अहम बातचीत में वरिष्ठ रचनाकार ह्रषिकेश सुलभ से कथाकार प्रत्यक्षा ने उनकी कहानियों और परिवेश पर चर्चा की। डॉ. संगीता ने कैलाश वानखेड़े के रचना संसार पर विस्तार से बातचीत की।
कुछ कहानी पाठ भी हुए, जिसमें पत्रकार व कथाकार शिल्पी झा ने अपने लाइव में बड़े ही जीवंत ढंग से कहानी ‘आइलाइनर’ का पाठ किया तो वहीं चर्चित कथाकार हेमंत कुमार ने अपनी बिल्कुल ताजा कहानी ‘लॉकडाउन’ का मेरा रंग से पाठ किया। अंगरेजी की नॉवलिस्ट सुजाता पाराशर ने नॉवेल की संरचना पर विस्तार से चर्चा की। वरिष्ठ कथाकार ममता कालिया भी मेरा रंग की मेहमान रहीं मगर एक सुखद आश्चर्य की तरह उन्होंने अपनी रचनाओं पर बात करने की बजाय उन युवा रचनाकारों पर चर्चा की जिनको उन्होंने इन दिनों पढ़ा है।
समकालीन हिंदी कहानी में नई आहटों का भी मेरा रंग ने स्वागत किया और अपने पहले संग्रह से चर्चा में आई विजयश्री तनवीर और अऩुकृति उपाध्याय को इस मंच पर आमंत्रित किया। अपने दो कहानी संग्रहों से चर्चा मे आई प्रियंका ओम ने शिरकत की। नई वाली हिंदी के दिव्य प्रकाश दुबे भी मेरा रंग पर आए और युवाओं के बीच किसी नायक की तरह लोकप्रिय नीलोत्पल मृणाल भी। बेस्ट सेलर राजनीतिक उपन्यास जनता स्टोर के लेखक नवीन चौधरी ने मौजूदा समय में किताब, कंटेंट और मार्केटिंग पर बात की।
लोक संगीत के रंग और कबीर गायन
लोकरंग के जरिए मेरा रंग ने इस श्रृंखला मे संगीत को भी जगह देने का प्रयास किया। इसकी शुरुआत हुई उत्तर प्रदेश की युवा लोक गायिका श्वेता वर्मा से। इस कड़ी में उन गायकों को चुना गया जिन्होंने भोजपुरी भाषा को अपसंस्कृति और अश्लीलता से बचाकर रखा है। आदित्य आदी ने दोबार इस मंच पर शिरकत की। लोकरंग के तहत अपनी प्रस्तुति देने वाले भोजपुरी लोकगायक रवीश कुमार शानू, पूजा निषाद तथा शैलेंद्र सिंह इसी परंपरा में आते हैं। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि लाइव के माध्यम से मेरा रंग की लोकप्रिय दूर-दूर तक पहुँची है और हमसे कई प्रतिष्ठित लोकगायकों ने संपर्क किया। इस कड़ी में हमने लगातार परंपरागत कबीर गायन को प्रस्तुत किया। दयाराम सारोलिया के कबीर गायन से इसकी शुरुआत हुई। उसके बाद मुकेश चौहान ने मालवी लोकगीत प्रस्तुत किए और जिला धार, मध्य प्रदेश से रवि सोलंकी और अर्जुन मुनिया ने भी कबीर और मीरा के पद प्रस्तुत किए।
समकालीन घटनाओं और मुद्दों पर नज़र
मेरा रंग ने इस दौरान समकालीन घटनाओं और मुद्दों पर भी नज़र रखी। उत्तर प्रदेश के हाथरस और कुछ अन्य शहरों में गैंगरेप की घटनाओं के बाद एक और निर्भया के नाम से पैनल डिस्कशन की सिरीज चलाई गई, जिससे कि इस मुद्दे पर साहित्यकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को अपनी बात कहने और अपना पक्ष रखने का मौका मिले। लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा पर दो विशेष लाइव रखे गए जिसमें अधिवक्ता तथा एक्टीविस्ट भास्कर अग्रवाल ने तथा सामाजिक कार्यकर्ता हिना देसाई ने बात रखी।
विभिन्न विमर्श और अस्मितावादी लेखन
गांधीवादी विमर्श में अरविंद मोहन, अरुण त्रिपाठी, सोपान जोशी, प्रसुन लतांत ने अपने विचार रखे। स्त्रीवादी विमर्श सिरीज में गरिमा श्रीवास्तव, गरिमा दत्त, वंदना चौबे, नीलम कुलश्रेष्ठ, अंजुमन आरा ने अपनी बात रखी। आदिवासी कला, साहित्य और संस्कृति पर भी मेरा रंग ने कई लाइव कार्यक्रम किए। जिसमें विश्व आदिवासी दिवस पर अजय मंडावी से स्मिता अखिलेश ने बातचीत की, नीतिशा खाल्को तथा मंडारी और हिंदी भाषा की कवयित्री गौरीप्रवा सिंह ने अपनी रचनाएं सुनाईं, शंपा शाह ने आदिवासी लोक कलाओं और उर्मिला शुक्ल ने बस्तर की संस्कृति और स्त्रियों पर अपनी बात रखी। अनंत गंगोला ने आदिवासी जीवन से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। मेरा रंग ने दलित विमर्श पर भी एक सिरीज चलाई जिसमें कौशल पंवार, जय प्रकाश कर्दम, लीलाधर मंडलोई, प्रो.रतनलाल, श्योराज सिंह बैचैन को आमंत्रित किया गया। अस्मितावादी लेखन पर एक परिचर्चा भी हुई, जिसमें अरुण, चंद्रकांता, नीतिशा, आरती, पारस और जितेंद्र ने हिस्सा लिया अरुण कुमार ने इसका संयोजन किया।
यहां पर हम मेरा रंग लाइव में आमंत्रित सभी रचनाकारों की सूची दे रहे हैं, जिन्होंने हमारे कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर हमारा उत्साह बढ़ाया। मेरा रंग परिवार सभी के प्रति आभार व्यक्त करता है।
मेरा रंग के लाइव के मेहमान
- प्रज्ञा पांडेय
- सपना सिंह
- जयंती रंगनाथन
- अणुशक्ति सिंह
- सोनी पांडेय
- अंजू शर्मा
- पापोरी गोस्वामी
- प्रियंका ओम
- सीरज सक्सेना
- शिखा वाष्णेय
- पंखुरी सिन्हा
- मृदुला शुक्ला
- प्रताप सोमवंशी
- नासिर शर्मा
- सदानंद शाही
- सुनीता शानू
- शिल्पी झा
- एकता नाहर
- उषाकिरण खान
- निवेदिता शकील
- संजय शेफर्ड
- तारा शंकर – फेमिनिज़्म- ताराशंकर की नज़र से
- जितेंद्र श्रीवास्तव
- विजयश्री तनवीर
- दिलीप पांडेय
- आशुतोष कुमार
- नितीशा खाल्को
- रवींद्र त्रिपाठी – ऋषि कपूर को श्रृद्धांजलि
- स्मिता अखिलेश – महिला सशक्तिकरण की आर्थिक चुनौतियां
- रति सक्सेना
- राहुल देव – आज के दौर में हिंदी
- अनीता भारती
- अरविंद गौड़ – सामाजिक परिवर्तन और रंगकर्म
- डा.सुनीता
- गीताश्री
- डा.कौशल पँवार – रचनाएं और आत्मकथ्य
- ममता कालिया – युवा लेखन मेरी नजर से
- रश्मि रावत – स्त्री आलोचना की चुनौतियां
- विनोद विट्ठल
- पल्लव –लघु पत्रिका आंदोलन और बनास जन
- नइश हसन – लॉकडाउन में जमीनी चुनौतियां
- पाती पुरोहित – फेमिनिज़्मः कल आज और कल
- उर्मिला शुक्ल – बस्तर की संस्कृति और स्त्रियां
- दिव्य प्रकाश दुबे
- अनिल प्रभा कुमार – प्रवास में मेरी रचनायात्रा
- नलिन रंजन सिंह – कुछ कहानियां, कुछ विचार
- मनीषा कुलश्रेष्ठ – समकालीन प्रेम कहानी
- राज शेखर – फिल्मी गीतों की बातें
- मोना झा – रंगमंच की चुनौतियां
- शंपा शाह – गिनती के बाहरः लोक कला और लोक जीवन पर बातचीत
- नागेंद्र प्रताप सिंह
- शैलजा पाठक
- विमलेश त्रिपाठी – काव्यपाठ और रचना प्रक्रिया
- आवेश तिवारी – उदास समय में खबरनवीस
- संजीव कुमार – इस समय में साहित्य
- रूपा सिंह
- मेधा
- ईश्वर शून्य – थिएटर में समय और समाज
- वाज़दा ख़ान
- भास्कर अग्रवाल – लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा
- अदिति माहेश्वरी – लॉकडाउन में किताबें, पाठक और साहित्य
- श़ारिक कैफ़ी – कुछ ग़ज़लें, कुछ नज़्में
- इरा टाक – पासवर्ड फॉर हैपीनेस
- रजनी और ऋतु – सामाजिक नहीं शारीरिक दूरी है जरूरी
- चंद्रकला त्रिपाठी – स्त्री संदर्भ में मेरी रचनाशीलता
- अनुकृति उपाध्याय – द्विभाषी रचनाशीलता और कहानी पाठ
- वंदना राग
- आरती आलोक वर्मा – भोजपुरी समाज में महिलाओं की स्थिति
- नवीन चौधरी – किताब, कंटेंट और मार्केटिंग
- प्रतिभा कटियार – आएँगे दिन कविताओं के
- सबाहत आफ़रीन – अफ़साना लिख रही हूँ
- सुमन केशरी
- नीलोत्पल मृणाल
- अनंत गंगोला – आदिवासी जीवन में सीखना-सिखाना
- स्वाती शर्मा – संकटकाल और सोशल मीडिया
- लोकरंगः उत्तर प्रदेश की लोक गायिका श्वेता वर्मा
- क़ायनात काज़ी – यायावरी का जुनून
- लोकरंगः भोजपुरी लोकगायक रवीश कुमार शानू
- विवेक चतुर्वेदी – स्त्रियां घर लौटती हैं
- लोकरंगः उत्तर प्रदेश से लोकगायक शैलेंद्र मिश्र
- मोहिनी – सामाजिक न्याय की जमीनी हकीकत
- अंकिता जैन – मेरे पसंदीदा रचनाकार
- अरुण त्रिपाठी – गांधी, एक सरल जीवन की जटिलताएं
- मेरा रंग संवाद – नासिरा शर्मा से प्रज्ञा पाण्डेय
- शैलेंद्र कबीर – आज के समय में कबीर
- लोकरंगः दयाराम सारोलिया का कबीर गायन
- मेरा रंग संवाद – उषा किरण खान से चंद्रकला त्रिपाठी
- संगीता सेठी – साइकिल मेरा जुनून
- रेखा राजंवशी
- मेरा रंग संवाद – असंगघोष से अरुण कुमार
- मेरा रंग संवाद – डा.मानबी बंधोपाध्याय से अरुण कुमार
- मोनिका कुमार – धर्म जाति और स्त्री विमर्श
- मेरा रंग संवाद – नासिरा शर्मा से प्रज्ञा पाण्डेय
- डा. आकाश मिड्ढा
- दिव्यांशी सुमराव
- धनंजय चौहान – ट्रांसजेंडर की पहचान और शिक्षा का अधिकार
- मेरा रंग संवाद – जेंडर फ्रीडम पर राइडर राकेश से शालिनी श्रीनेत
- सुजाता पाराशर
- संध्या सिंह
- मेरा रंग संवाद – पहली कतार में खड़ी नर्सों की सुरक्षा कैसे हो- एनी राजा से शालिनी
- दीपक जायसवाल
- प्रदीपिका सारस्वत – उत्तर प्रदेश वाया कश्मीरः पैदल चलते हुए दुनिया को देखना
- मेरा रंग संवाद – ऑनलाइन शिक्षा पर बातचीत
- मेरा रंग संवाद – अवसाद पर बिमल रतूड़ी से शालिनी श्रीनेत
- मेरा रंग संवाद – घरेलू हिंसा पर हिना देसाई से सोनी पाण्डेय
- कविता कांदबरी
- पुनीता शर्मा – सुरताल से मन की बात
- रुपम मिश्रा
- मेरा रंग संवाद – एवरेस्ट पर चढ़ाईः मेघा परमार से अरुण कुमार
- लतिका बत्रा – कहानी कैंसर फाइटर की
- मेरा रंग संवाद – संजय सहाय से अरुण कुमार
- अनिल रंजन भौमिक – हिंदी रंगमंच में स्त्री विमर्श और कुछ नाटक
- मेरा रंग संवाद – ह्रषिकेश सुलभ से प्रत्यक्षा
- मेरा रंग संवाद – श्योराज सिंह बेचैन से अरुण कुमार
- मेरा रंग संवाद – विवेक मिश्र से सईद अय्यूब
- मेरा रंग संवाद – अस्मितावादी लेखन पर परिचर्चाः अरुण, चंद्रकांता, नीतिशा, आरती, पारस, जितेंद्र – संयोजकः अरुण कुमार
- देवयानी भारद्वाज
- मेरा रंग संवाद – जय प्रकाश कर्दम से आँचल बावा
- मेरा रंग संवाद – प्रवासी मजदूर, दिल्ली सरकार और राजनीतिः दुर्गेश पाठक से राजा चौधरी
- मेरा रंग संवाद – प्रो. रतनलाल से अरुण कुमार
- किस्से साइकिल के – फ़िरोज़ा सुरेश से अरुण कुमार
- मेरा रंग संवाद – दास्तान-ए-दास्तानगोईः फौजिया दास्तानगो से शालिनी श्रीनेत
- हेमंत कुमार – कहानी लॉकडाउन का पाठ
- लोकरंगः मुकेश चौहान के मालवी लोकगीत
- किस्से साइकिल के – सोपान जोशी से सीरज सक्सेना
- मदन कश्यप
- मेरा रंग संवाद- स्त्रियों का मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य
- नीलेश रघुवंशी
- किस्से साइकिल के – रश्मि बक्शी से सीरज सक्सेना
- मेरा रंग संवाद – लीलाधर मंडलोई से अरुण कुमार
- सय्यद जिया – उर्दू ग़ज़ल में हिंदी भाषा के उजाले
- मेरा रंग संवाद – उमा झुनझुनवाला से शालिनी श्रीनेत
- मेरा रंग संवाद – डा. सूर्यबाला से डा. उषा शर्मा
- लोकरंगः रवि सोलंकी का कबीर गायन
- मेरा रंग संवाद – रचना यादव से शालिनी श्रीनेत
- ध्रुव शुक्ल – तुलसीदास का जल सत्याग्रह
- किस्से साइकिल के – उषा व अश्विन से सीरज सक्सेना
- मेरा रंग संवाद – दयाशंकर मिश्र से शालिनी श्रीनेत
- तेजेंद्र शर्मा – फिल्मी गीतों में साहित्य
- मेरा रंग संवाद – नासिरा शर्मा से प्रज्ञा पाण्डेय
- रंजीता सिंह – रचना प्रक्रिया से सोपान
- मेरा रंग संवाद – अनामिका से संजीव चंदन
- मेरा रंग संवाद – रवि रंजन से दिनेश श्रीनेत
- किस्से साइकिल के – पूजा विजय से सीरज सक्सेना
- मेरा रंग संवाद – लक्ष्मी शंकर बाजपेयी से शालिनी श्रीनेत
- प्रियंका सिंह – तितलियों का संरक्षण
- उज्ज्वल तिवारी
- सदानंद शाही – नायक विहीन समय में प्रेमचंद
- प्रेमचंद जयंती पर विशेष परिचर्चा – गोदान को पढ़ते हुए
- मेरा रंग संवाद – कमल किशोर गोयनका से दिनेश श्रीनेत
- मेरा रंग संवाद – कैलाश वानखेड़े से डा.संगीता
- किस्से साइकिल के – वासु प्रिमलानी से सीरज सक्सेना
- मेरा रंग संवाद – शुऐब शाहिद से आँचल बावा
- इरशाद खान सिकन्दर
- मेरा रंग संवाद – शैलेंद्र कबीर व आदर्श से शालिनी श्रीनेत
- विभावरी – सिनेमाई अभिव्यक्ति में प्रेम और स्त्री
- मेरा रंग युवा दृष्टि- चंचल कुमार
- मेरा रंग युवा दृष्टि – कविता मल्होत्रा
- विश्व आदिवासी दिवस – अजय मंडावी से स्मिता अखिलेश
- किस्से साइकिल के- नवीन व आकाश से सीरज सक्सेना
- मेरा रंग युवा दृष्टि – चैताली सिन्हा – हिंदी के प्रारंभिक उपन्यास
- मेरा रंग युवा दृष्टि – ब्रजेश कुमार यादव – हिंदी में यात्रा वृतांत की यात्रा
- विपिन चौधरी
- यादों में राहत – इंदौर से संजय पटेल
- मेरा रंग संवाद – राहत इंदौरी को याद करते हुए – सीरज, इरशाद
- मेरा रंग युवा दृष्टि – चंचल कुमार – कविता की तमीज़
- मेरा रंग संवाद – नीला प्रसाद से शालिनी श्रीनेत – कामकाजी महिलाएं
- मेरा रंग संवाद – विनोद मल्ल, बुद्ध से कबीर तक
- किस्से साइकिल के – तहसीन अंबर से सीरज सक्सेना
- मेरा रंग संवाद – सायमा अमित से शालिनी श्रीनेत
- नेहा नरूका
- गति उपाध्याय
- कविता की निर्बाध ध्वनियां – पूनम अरोरा
- शहर और शख्सियत – राहत इंदौरी की याद – स्वानंद, सीरज
- मेरा रंग संवाद – समकालीन हिंदी कविता में स्त्री लेखन – मदन कश्यप, सोनी पांडेय
- मेरा रंग संवाद – मैत्रेयी पुष्पा से विवेक मिश्र
- किस्से साइकिल के – अनाहिता प्रसाद से सीरज सक्सेना
- कैप्टन सुमिषा शंकर से शालिनी और सीरज
- मनीषा पाण्डेय से शालिनी
- मंजीत कौर बल – सांपों के साथ सहजीवन
- अवसाद पर संवाद
- जया जादवानी
- मेरा रंग संवाद – देवेंद्र मेवाड़ी से दिनेश श्रीनेत
- नासिरा शर्मा पर विमलेश त्रिपाठी
- किस्से साइकिल के – श्रुति टीएस से सीरज सक्सेना
- मेरा रंग संवाद – नासिरा शर्मा से विमलेश त्रिपाठी (शॉमी कागज़)
- मेरा रंग संवाद – रितु से शालिनी श्रीनेत
- मेरा रंग स्त्रीवादी विमर्श – गरिमा श्रीवास्तव से शालिनी श्रीनेत
- मेरा रंग स्त्रीवादी विमर्श – अनूपा चौहान से शालिनी श्रीनेत
- मेरा रंग संवाद – मैत्रेयी पुष्पा से कंचन भारद्वाज (चाक उपन्यास)
- किस्से साइकिल के – शेफ परविंदर सिंह बाली से सीरज सक्सेना
- मेरा रंग स्त्रीवादी विमर्श – गरिमा दत्त से शालिनी श्रीनेत
- मेरा रंग संवाद – मैत्रेयी पुष्पा से कुमार वीरेंद्र (तब्दील निगाहें)
- मेरा रंग संवाद – वंदना बाजपेयी से शालिनी श्रीनेत
- ऑर्टिस्ट कुसुम पांडेय से शालिनी श्रीनेत
- प्रो. चंद्रा सदायत – महादेवी का महत्व
- मेरा रंग स्त्रीवादी विमर्श – डा.वंदना चौबे से शालिनी श्रीनेत
- किस्से साइकिल के – आशीष नागपाल से सीरज सक्सेना
- मेरा रंग संवाद – मनीषा तिवारी से शालिन श्रीनेत
- लोकरंग – छत्तीसगढ़ से लोक गायक सुरेश ठाकुर
- पूनम शुक्ला की कविताएँ
- मेरा रंग संवाद – मैत्रेयी पुष्पा से डॉ. प्रीति यादव (गुड़िया भीतर गुड़िया)
- मेरा रंग स्त्रीवादी विमर्श – नीलम कुलश्रेष्ठ से शालिनी श्रीनेत
- प्रियदर्शन – नासिरा शर्मा के उपन्यास बहिश्ते ज़हरा पर
- मेरा रंग संवाद – नासिरा शर्मा से प्रियदर्शन (बहिश्ते ज़हरा)
- किस्से साइकिल के – अंकित से सीरज सक्सेना
- डा. रंजना अरगड़े – कविता को कैसा समझा जाए
- मेरा रंग संवाद – ऑटो चालक संगीता चौधरी से शालिनी श्रीनेत
- कैप्टन डॉ. मोहसिन खान – नासिरा शर्मा के उपन्यास ठीकरे की मंगनी
- मेरा रंग संवाद – नासिरा शर्मा से कैप्टन डॉ. मोहसिन खान (ठीकरे की मंगनी)
- मेरा रंग संवाद – कथक नृत्यांगना प्रशस्ति तिवारी से शालिनी श्रीनेत
- मेरा रंग स्त्रीवादी विमर्श – अंजुमन आरा से शालिनी श्रीनेत
- किस्से साइकिल के – अमित उपाध्याय से सीरज सक्सेना
- मेरा रंग संवाद – सुषमा गुप्ता से शालिनी श्रीनेत
- मेरा रंग संवाद – मैत्रेयी पुष्पा से डॉ. केबीएल पाण्डेय (अल्मा कबूतरी)
- राजीव कुमार शुक्ल – नासिरा शर्मा के उपन्यास पारिजात पर
- मेरा रंग गांधी विमर्श – अरविंद मोहन – असहयोग आंदोलन के 100 साल
- मेरा रंग गांधी विमर्श – सोपान जोशी से दिनेश श्रीनेत
- प्रसून लतांत – गांधी और स्त्री
- एक और निर्भया – आशा देवी, श्रुति, तारा शंकर, प्रज्ञा परिजात सिंह। संचालन- एकता विवेक वर्मा।
- मेरा रंग गांधी विमर्श – अरुण कुमार त्रिपाठी – गांधी का सत्य
- मेरा रंग संवाद – आदिवासी लेखिका गौरीप्रवा सिंह से शालिनी श्रीनेत
- मेरा रंग किस्से साइकिल के – गोविंद से सीरज सक्सेना
- फिर एक निर्भया – स्मिता अखिलेश, विभाष कुमार झा, कुसुम पालीवाल, समीर दीवान
- फिर एक निर्भया – सुमैया आफरीन और राहुल गोस्वामी। संचालन- श्रुति।
- फिर एक निर्भया – मैत्रेयी पुष्पा, मृदुला शुक्ला, सुजाता, आभा आनंद और डा. लक्ष्मी शर्मा।
- मेरा रंग संवाद – अनुपम से शालिनी श्रीनेत
- बसेरे से दूर – प्रियंका ओम, संदीप नय्यर, मनीषा श्री, विनोद दुबे, निवेदिता सिंह
- तीन दिनः तीन उपन्यास – मनीषा कुलश्रेष्ठ के उपन्यास मल्लिका पर पंकज सुबीर
- वुमनिया बैंड की स्वाति सिंह से शालिनी श्रीनेत
- बसेरे से दूरः प्रवासी हिंदी साहित्य – तेजेंद्र शर्मा, अर्चना पैन्यूली, राज हीरामन, प्रो.आनंदवर्धन शर्मा
- तीन दिन: तीन उपन्यास – बारिशगर पर प्रत्यक्षा से प्रियदर्शन की बातचीत
- रोहिणी अग्रवाल – विकास की अवधारणा और हमारा समय-समाज
- ओड़िसी नृत्य – आयुषी और टियारा
- लोकगीत – आदर्श आदी और पूजा निषाद
- प्रखर नारीवादी कमला भसीन से शालिनी श्रीनेत का संवाद
- ये यायावरी – डॉ.कायनात काज़ी, कमल रामवानी सारांश, लुजिना खान, प्रकाश उप्रेती
- Girls from Ground Zero – प्रियंका दुबे, सर्वप्रिया सांगवान, ज्योति यादव, प्रदीपिका सारस्वत, कविश अजीज लेनिन
- तीन दिन तीन उपन्यास- वैधानिक गल्प पर चंदन पाण्डेय से रोहित देवेंद्र
- लॉकडाउनः लाइव के रंग – डॉ.सुनीता, प्रो.सदानंद शाही, डॉ.चंद्रकला, त्रिपाठी, डॉ. नीरज शर्मा
- कविता की शाम – उपासना झा, अनुज लुगुन, जोशना बैनर्जी आडवाणी, आनंदवर्धन शर्मा, विमलेश शर्मा