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सीमा संगसार पुस्तकों की प्रेमी हैं। उनका एक कविता संग्रह 'एक शहर का जिन्दा होना' प्रकाशित हो चुका है। अंतरंग, नया ज्ञानोदय, नया पथ, लहक, लोक-विमर्श, दुनिया इन दिनों, इन्द्रप्रस्थ भारती, मंतव्य , स्त्रीकाल, आधी आबादी एवं हिन्दुस्तान सहित तमाम पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं। लोकोदय नवलेखन सम्मान। वे प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन के कार्य से जुड़ी हैं। यहां पर वे मेरा रंग के पाठकों को विभिन्न पुस्तकों से परिचित कराती हैं।